Atiq Ahmad story : अतीक अहमद इलाहाबाद के एक तांगे वाले का लड़का कैसे बना एक माफिया । एक माफिया से लेकर नेता बनने तक का सफर कैसा रहा । यहां एक तांगेवाले का बेटा अतीक अहमद 17 साल की उम्र में पहली बार जुर्म की दुनिया में दस्तक देता है। एक गरीब परिवार के लड़के के पास आज इतनी दौलत कहाँ से आ गई । अपने मरने के बाद आज अपने परिवार के लिए करोड़ो की दौलत छोड़ कर गया है । आइये इस लेख के माध्यम से अतीक का पूरा सफर समझते है ।
अतीक अहमद कैसे बना बाहुबली –
Atiq Ahmad story : अतीक अहमद कैसे बना बाहुबली डॉन. कैसे अपराध से राजनीति की दुनिया में आया. इसे पूरा समझने के लिए आपको ले चलते हैं आज से करीब साल 1987 के आसपास की बात है. इलाहाबाद शहर में चांद बाबा का दौर था।
Atiq Ahmad story : जैसा खौफ लोग अतीक से खाते है वही भोकाल चाँद बाबा ने भी बनाकर रखा था । किसी मेँ भी हिम्मत नही थी चाँद बाबा से दुश्मनी लेने की । पुलिस,नेता किसी की भी कभी हिम्मत नही हुई चाँद बाबा पर हाँथ डालने की ।चाँद बाबा के नाम से लोगों के मन में खौफ पैदा हो जाता था। आलम ये था कि पुलिस और नेता इस चांद बाबा को मारना तो चाहते थे लेकिन हिम्मत किसी में नहीं थी।
प्रयागराज तब इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था और यहां एक तांगेवाले का बेटा अतीक अहमद 17 साल की उम्र में पहली बार जुर्म की दुनिया में दस्तक देता है। अतीक को बचपन से ही पैसे कमाने की जल्दी थी उसे बहुत जल्दी ही अमीर बनना था ।
कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में फेल होने के बाद अतीक ने पढाई छोड़ दी । फिर उसने अपराध की दुनिया मे कदम रखा । उसको भी पता था कि ये छोटे-मोटे अपराध करके कुछ बड़ा नही होने वाला । उसने चाँद बाबा के खिलाफ काम करना शुरू कर दिया । उसको अपनी बहुत बडी पहचान बहुत जल्दी बनानी थी और उसका रास्ता उसे चाँद बाबा के पास से होकर जाता दिखाई देता था ।
Atiq Ahmad story : अतीक को पता था कि सबसे बड़ा बाहुबली इस समय चाँद बाबा था और अगर इलाहाबाद का बाहुबली बनना है तो चाँद बाबा को बाहुबली की कुर्सी से हटाना ही पड़ेगा। फिर उसी चांद बाबा की अतीक अहमद ने सनसनीखेज तरीके से हत्या कर डाली. अब जिस चांद बाबा से पुलिस और बड़े बड़े नेता खौफ खाते थे उसी का बेखौफ अंदाज में मर्डर कर दिया गया. कत्ल करने वाला अतीक अहमद अब खुद सबसे बड़ा बाहुबली बन गया. इसके बाद अतीक ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
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अतीक अहमद कब बना अपराधी –
Atiq Ahmad story : अतीक को बचपन से ही पढ़ाई से कोई लेना देना नही रहा था । उसका पढ़ने का कभी मन ही नही करता था । घर की गरीबी देखकर उसको बस यही लगता था कि किसी तरह जल्दी से खूब सारा रूपया आ जाये । उसको पैसे कमाने थे वो भी जल्दी तभी उसने गलत रास्ता पकड़ा और मात्र 17 साल की उम्र में अपराध की दुनिया मेें कदम रख दिया। बड़े -2 अपराधी भी उसको जानने लगे थे ।
मात्र 17 साल की उम्र में ही अतीक अहमद पर हत्या का आरोप लग चुका था। इसके बाद अतीक ने धीरे-धीरे अपराध की दुनिया में पैर जमाना शुरू किया और रंगदारी को ही अपना मुख्य धंधा बना लिया। 23 की उम्र तक अतीक ने अपराध की दुनिया में मजबूत पकड़ बना ली।
Atiq Ahmad story : अतीक कुछ ही समय में बड़े गिरोह वाला अपराधी बन चुका था। चांद बाबा के गिरोह पर भारी पड़ने लगा था। अपराध की दुनिया में ताकत और दौलत कमाने के बाद अतीक अहमद ने राजनीति में पैर रखना शुरू किया, लेकिन हत्या, अपहरण, फिरौती के मामलों में मुकदमे दर मुकदमे दर्ज होते रहे, लेकिन राजनीतिक रसूख के कारण वह बेखौफ घूमता रहा।
माफियागिरी से सियासत की दुनिया का सफर (Atiq Ahmad story)
Atiq Ahmad story : माफियागिरी की दुनिया से सियासत में कदम रखने की भी अतीक अहमद की बड़ी कहानी है. 1989 में चांद बाबा की हत्या से जब पुलिस और बड़े बड़े नेता में खौफ पैदा हो गया था ।आम आदमी मे अतीक का खौफ मन में बैठ चुका था लोग समझ चुके थे जो चाँद बाबा को मार सकता है उससे तो डर कर के ही रहना पडे़गा और अतीक ने इस डर का पूरा फायदा उठाया ।
लेकिन कहते है कि अपराध की दुनिया में रहने वाले अतीक अहमद को बहुत जल्द समझ आ गया कि आगे की राह बहुत कठिन होने वाली है क्योकि इतने केस लग चुके थे और पुलिस भी पीछे पडी थी । अतीक को समझ आ चुकी थी सियासत की ताकत इसलिए वह सियासत की दहलीज पर पहुंचने में जुट गया।
इलाहाबाद में अपना इतना खौफ बना के रखा हुआ था कि उसको पता था कि अगर मै निर्दलीय भी खड़ा हो जाऊँगा तो भी मै जीत जाऊँगा । उसे किसी भी पार्टी की जरूरत ही नही थी । आम आदमी इससे दुश्मनी लेना भी नही चाहता था । किसी की भी जमीन लेनी हो तो कब्जा करके उसे मन हुआ तो रूपये दे दिये अगर नही मन तो नही दिये । जमीन कितने की भी हो उसे औने पौने दाम देकर कब्जा कर लेना या जबरद्स्ती कब्जा कर लेना ।
Atiq Ahmad story : किसी ने खिलाफत की तो उसके साथ मारपीट करना । यही सबसे आम आदमी दबता था अतीक से । साल 1989 में एक साल जेल में रहने के बाद अतीक अहमद ने इलाहाबाद पश्चिमी विधानसभा सीट से निर्दलीय पर्चा भरा। अतीक का मुकाबला कुख्यात चांद बाबा से था, लेकिन धनबल बाहुबल से जीत अतीक की ही हुई।
अतीक के विधायक बनने के कुछ माह बाद ही चांद बाबा की हत्या हो गई। अब तत्कालीन इलाहाबाद में अतीक को टक्कर देने वाला कोई नहीं बचा। अतीक के सामने चुनाव में खड़ा होने की हिम्मत कोई नहीं कर पाता था।
Atiq Ahmad story : अतीक अहमद भारी अंतर से चुनाव जीते. फिर जिले के डीएम ने शपथ दिलाई. अब कल तक गैंगस्टर. मर्डर केस में पुलिस के लिए नाक में दम करने वाला अतीक अब विधायक बन चुका था। इस जीत के बाद अपराधी का राजनीतिकरण तेजी से हुआ।
लगातार विधायक बनते देखकर एक राजनैतिक पार्टी ने अतीक का जोरदार स्वागत किया नाम था समाजवादी पार्टी ।अतीब ने फिर समाजवादी पार्टी का दामन पकड़ लिया। अतीक अहमद अपना दल में भी गया था । अतीक लगातार 5 बार विधायकी का चुनाव जीत चुके थे। अब दिल्ली जाने का मन भी करने लगा था ।
Atiq Ahmad story : अब सांसद बनने का सपना देख रहा था और फूलपुर संसदीय सीट से चुनाव लड़ा. और जीता भी। सांसद बनने के बाद विधायकी की सीट खाली हो गई। अगर ये कहे कि इस विधायकी सीट की वजह से ही आज अतीक अहमद को ढेर कर दिया गया तो यह गलत नही होगा ।
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Atiq Ahmad story : इसका कारण यह है कि जब सांसद बनने के बाद विधायकी वाली सीट खाली हुई. वो साल था 2004. इसी साल सांसद बनने के बाद अतीक अहमद की विधायक वाली सीट खाली हुई थी । उस पर चुनाव होना था। अतीक को यकीन था कि उसकी छोड़ी हुई सीट पर उसका भाई ही जीतेगा। मुकाबला राजू पाल से था. बसपा से चुनाव लड़ रहे राजू पाल ने आखिर में बाजी मार ली.
Atiq Ahmad story : इस सीट पर राजू पाल जैसे नए नवेले नेता की जीत ने अतीक अहमद को अंदर से हिला दिया । उसने राजू पाल को जड़ से ही खत्म करने की ठान ली. फिर वो तारीख आई 25 जनवरी 2005. राजू पाल की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई।
Atiq Ahmad story : इस हत्याकांड में सीधे तौर पर उस समय के सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ का नाम सामने आया। तब की सरकार ने उस पर कोई कार्यवाही नही होने दी फिर मायावती की सरकार में उस पर केस हुआ और उसको जेल भी जाना पड़ा । फिर 2014 मे सपा सरकार आते ही फिर से जेल से बाहर आ गया ।अतीक अहमद का जुर्म की दुनिया में नाम और बढ़ गया. क्योंकि उसका मुकाबला करने की हिम्मत अब कोई नहीं कर सकता था।
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जज भी डरते थे अतीक अहमद से इतना खौफ था इस बाहुबली का
Atiq Ahmad story : ये वाकया है साल 2012 का. उस समय तक अतीक अहमद जेल में बंद था. चुनाव लड़ने के लिए उसने इलाहाबाद हाई कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी. लेकिन उसका खौफ ऐसा था कि हाईकोर्ट के एक या दो नहीं बल्कि कुल 10 जज फैसला लेने से ही डर गए। इन 10 जजों ने केस की सुनवाई से ही खुद को अलग कर लिया. अब आगे भी कुछ कम खौफ नहीं था।
11वें जज ने सुनवाई तो की. लेकिन फैसला अतीक अहमद के पक्ष में ही दिया. यानी अतीक अहमद को जमानत मिल गई. अब जेल से बाहर आकर अतीक अहमद ने चुनाव तो लड़ा लेकिन उसका दबदबा अब पहले जैसा नहीं रहा था. वो चुनाव हार गया. और हराने वाला कोई और नहीं वही राजू पाल की पत्नी पूजा पाल थी. जिसकी 2005 में हत्या कराने के जुर्म में अतीक अहमद जेल में बंद था।
Atiq Ahmad story : इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में फिर से अतीक अहमद चुनाव लड़ा. लेकिन इस बार इलाहाबाद से नहीं. बल्कि श्रावस्ती से. पार्टी थी समाजवादी पार्टी. लेकिन हार का ही सामना करना पड़ा। उस समय बीजेपी के नेता ददन मिश्रा ने चुनाव जीत लिया था। इस तरह बाहुबली अतीक अहमद का कद लगातार गिरता गया. लेकिन एक बार फिर से अतीक अहमद यूपी की सियासत और अपराध दोनों की दुनिया में चर्चा में आ गया था. लेकिन 15 अप्रैल को अतीक का अंत हो गया।
लगातार विधायक बनता रहा अतीक अहमद
Atiq Ahmad story : अतीक अहमद ने निर्दलीय 1991 और 1993 में विधायकी का चुनाव जीता। उसके बाद साल 1996 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक बन गया। इसके अगले चुनाव में अतीक अहमद ने एक बार फिर अपनी पार्टी बदली लेकिन जीत हासिल नहीं कर सका, तब वह प्रतापगढ़ से अपना दल के टिकट पर लड़ा था। साल 2002 में अतीक अहमद अपना दल के टिकट पर पांचवीं बार उप्र विधानसभा पहुंचा। तब तक अतीक अहमद को राजनीति का नशा चढ़ चुका था और उसके रास्ते में जो भी आता था, उसे ठिकाने लगा देता था।
12 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने CBI जांच के आदेश दिए
Atiq Ahmad story : राजू पाल की हत्या के 12 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने CBI जांच के आदेश दिए। CBI ने अतीक और अशरफ समेत 18 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। उमेश की मजबूत पैरवी पर हाई कोर्ट ने 2 महीने में राजू पाल हत्याकांड का ट्रायल पूरा करने का आदेश पिछले दिनों दिया था। लेकिन इससे पहले ही 24 फरवरी को उमेश पाल की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई।
Atiq Ahmad story : उमेश पाल की हत्या ने अतीक अहमद का पूरा साम्राज्य ही तहस नहस कर दिया । आज अतीक अहमद के सब लड़के जेल में है । अतीक की पत्नी फरार है । असद का एनकांउटर कर दिया गया. अतीक और अशरफ भी नही रहे उनकी भी गोली मारकर तीन लोगो ने हत्या कर दी । हत्या को मोटिव वही था जो कभी अतीक अहमद का था कुछ बड़ा करने का तभी बड़ा नाम होगा ।
कैसी मानसिकता होती है इन लोगो की समझ से परे । आज भी सोशल मीडिया और बहुत जगह लोग अतीक के साथ ये सब होना भी गलत बताते है । अपनी -2 राय है , समझ है ।